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Showing posts from November, 2020

तू दर्द को मेरे कम न कर

तू दर्द को मेरे कम न कर अब मैं और तुम को हम ना कर रख ले तू, जो जितना चाहे क्या मुझे मिला तू गम ना कर मैं चुन लूंगा मोती आंसू से बस मेरी परवाह अब ना कर जा वहां जहां सजी महफ़िल तेरी चुन उसको जो मंज़िल तेरी

था जो अब है नहीं......

था जो अब है नहीं फूल डाली पर कहीं टूट कर बिखरा पड़ा है वो ज़मीं पर वहीं कौन जाने, हाल उसका  किसको है परवाह उसकी ना रहा वो रंग उसका ना रही खुशबू वही