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Showing posts from 2024
जो पता है, तो नाम-पता पूछते क्यों हो जो कहना है, साफ साफ कहते क्यों नहीं।
अब क्या नाव  लहरों को रस्ता बताएगा जो खुद को सरे बाजार बेच आया वो मेरी कीमत लगाएगा...
जरूर हारा होगा वो भी मुहब्बत में... जिसने सारी दुनिया जीती है।

वो कहते हैं कि मुझको भूल जाएंगे...

वो कहते हैं कि मुझको भूल जाएंगे... मगर अपनी हिचकियों को कैसे रोक पाएंगे। बेहतर होगा कि वो मुझसे ये डील कर लें ना वो मुझको याद आयेंगे  और ना मुझको  भूल पाएंगे।

अपने हिस्से की धूप...

अपने हिस्से की धूप अपने हिस्से की हवा अपने हिस्से की बारिश सब कुछ मैं तेरे नाम  कर देना चाहता हूं। बस, जब बसंत का  मौसम आए तुम मेरे करीब रहना।

प्रेम परखना है, तो खुद से ही परख सकते हैं

प्रेम परखना है, तो खुद से ही परख सकते हैं वो सिर्फ ऐसे कि सामने वाला आपकी उन आदतों के साथ क्या करता है ?  जो आदतें उसे पसंद नहीं,  क्या वो इसे इग्नोर या स्वीकार करता है ? अगर इसका जवाब 'हां' है,  तो वो आपका सच्चा प्रेमी है, और नहीं,  तो... बस समझ जाइए?