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Showing posts from February, 2024

अपने हिस्से की धूप...

अपने हिस्से की धूप अपने हिस्से की हवा अपने हिस्से की बारिश सब कुछ मैं तेरे नाम  कर देना चाहता हूं। बस, जब बसंत का  मौसम आए तुम मेरे करीब रहना।