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अपने हिस्से की धूप...

अपने हिस्से की धूप
अपने हिस्से की हवा
अपने हिस्से की बारिश
सब कुछ मैं तेरे नाम 
कर देना चाहता हूं।
बस, जब बसंत का 
मौसम आए
तुम मेरे करीब रहना।



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