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जो पता है, तो नाम-पता पूछते क्यों हो
जो कहना है, साफ साफ कहते क्यों नहीं।

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प्रेम परखना है, तो खुद से ही परख सकते हैं

प्रेम परखना है, तो खुद से ही परख सकते हैं वो सिर्फ ऐसे कि सामने वाला आपकी उन आदतों के साथ क्या करता है ?  जो आदतें उसे पसंद नहीं,  क्या वो इसे इग्नोर या स्वीकार करता है ? अगर इसका जवाब 'हां' है,  तो वो आपका सच्चा प्रेमी है, और नहीं,  तो... बस समझ जाइए?